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पादप जैवप्रोद्यौगिकी संक्षिप्त अवलोकन

सीमैप का पादप जैव प्रौधोगिक समूह मुख्यत: औषधीय एवं सगंध (औस) पौधों की तीन प्रमुख धाराओं पर कार्य कर रहा है - संरचनात्मक एवं कार्यात्मक जीनोमिकी व सिस्टम जी विज्ञान द्वारा माध्यमिक चयापचय (Secondary Metabolism)में भाग लेने वाले जीन्स(genes)की खोज; ट्रासजीवी(transgenic)औस पौधों की डिजाइनिंग(designing) एवं कोषिका/ऊतक कल्चर (culture) द्वारा उच्च मूल्य के पादप रसायनों की जैवसंष्लेषण वृद्धि; एवं ex-situ जैव विविधता एवं प्रबंध्न और आनुवांषिक सुधार के लिए जीन (gene), डी0 एन0 ए0(DNA) एवं ऊतक बैंकिंग(tissue banking) जैव रासायनिक प्राथमिक एव माध्यविक(primary and secondary) चयापचय के बीच आपसी प्रवाह का अध्यन एंजाइम(enzyme), जीन, कोषिकीय विषेषता एवं रासायनिक प्रोफाइलिंग द्वारा किया जाता है। जिन जैवसंष्लेषण पथों पर विषेष ध्यान दिया जा रहा है उनमें आर्टीमीसिया में आर्टीमीसिनिन, ओपियम पापी में मार्फीनन अल्कालायड, सदाबहार में टर्पीनायड इण्डोल अल्कलायड, मेन्था व तुलसी में फीनाइलप्रोपेनायड एवं टर्पीनायड, सेन्टेला में टार्इटर्पीनायड सेपोनिन्स और अष्वगन्धा में स्टेरायडल लैक्टोन्स प्रमुख हैं। समूह द्वारा भारतीय पारंमपरिक चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद का आणविक जैव विज्ञान द्वारा प्रमाणीकरण भी किया जा रहा है। विभाग में उच्च स्तरीय आधुनिकतम उपकरण, कुशल तकनीकि विषेषज्ञ एवुं वैज्ञानिक उपलब्ध हैं जो कि कम्प्ययूटरीकृत एवं प्रायोगिक विधियों द्वारा विभिन्न प्रकार की जीनोमिकी, प्रोटियोमिकी, मेटाबोलोमिकी एवं ट्रांसजीनी शोध करने में सक्षम हैं। विभाग में 12 वैज्ञानिक एवं 60 शोधाथी विभिन्न प्रायोजित एवं नेटवर्क परियोजनाओं में कार्यरत हैं।