आणविक जैव प्रोस्पेक्षन विभाग का सिंहावलोकन | |
इस विभाग में अनुसन्धान गतिविधिया नवजीवन, बायोऐकिटव अणुओ तथा मूल्य वर्धित उत्पादों, प्राकृति द्वारा संरक्षी, प्रतिरक्षा माडल, कैंसर, एन्टीआक्सीडेंट संक्रमित रोगों (जीवाणु, कवक और कैंसर मलेरिया परजीवि) तथा उपापचय विकारों के समाधान खोजने पर क्रेनिदत है। पिछले कुछ वर्षो में विभाग की उपलबिधयों में से कुछ निम्नवत है - (i) विषिष्ट प्रतिकि्रयाओ के माध्यम से बायोऐकिटव अणुओ तथा पर्यावरण के खतरों का पता लगाने के लिए बायोसेन्सर के रूप संयत्र प्रणाली का विकास। (ii) इननिंग प्रिमरोज से 'र्इनोस्टेनिन नामक अणु की वैनकोमाइसिन प्रतिरोधी स्टेफा इलोकोकस आसिपस के विपरीत सकि्रयता। (iii) हल्दी से तपेदिक रोगी नवधटकों की पहचान। (iv) जीवाणु एवं कवक की आनुंवषिक स्क्रीन द्वारा जीवाणुरोधी तथा जैवउपलब्धता (बायोऐन्हासन्सर) बढ़ाने वाले पादप रसायनों की जाच। (v) सहजन से 'नियाजिरीडिन नामक एक नव नाइट्राइल ग्लाकोसाइड की पहचान। (vi) यस्टीनधु से 'ग्लार्इसिरार्इजीन, आर्इपोमिया ग्यूकाल से 'लाइसरागल। (vii)रूमेटी गडिया के लिए 'आर्इ वी टी -15' के रूप् में कोडित भारतीय पारम्परिक ज्ञान पर आधारित सूत्रीकरण। (viii) किलोओम विस्कोस द्वारा प्राप्त अणु किलव-92 की यकृत संरक्षी तंत्र का निर्धारण। |
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Last Updated: Wednesday, 29 July 2015